Butati Dham :-
लकवे के मरीज यहा होते है ठीक, सात दिन और सात परिक्रमा फिर देखे संत श्री चतुरदास जी महाराज का चमत्कार
butati dham temple : 1 जनवरी से बुटाटी धाम का मंदिर खुल चुका है। अब से मंदिर के अंदर जाने की अनुमति मिल चुकी है। और परिक्रमा(फेरी) लगा सकते है।
बुटाटी धाम मंदिर राजस्थान के नागौर जिले में स्थित है। यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन रेन है जो करीब 15 किमी दूर है। जयपुर एवं जोधपुर रूट पर यह स्टेशन आता है। स्टेशन से मंदिर आने के लिए जीप और बस मिलती है। और बहुत से लोग अपने साधन फोरवीलूर में आते हे । लेकिन काफी लोग मंदिर अंदर में ही ठहरते हैं।
सात दिन का नियम
यहां मरीजों को ज्यादा से ज्यादा 7 दिन और 7 रात ही रुकने की जरूरत है। यदि और अधिक टाइम होने पर उन्हें जाने के लिए कह देते है। इसकी क्या वजए हो सकती हे और आने वाले मरीज और यात्रियों के लिए जगह चाहिए । यदि कोई मरीज नया आता है तब सबसे पहले उसे उसे मंदिर के ऑफिस में अपना रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है उसके बाद उन्हें रूम दिया जाता है और जो भी सब समान उन्हें चाहिए वह मंदिर की तरफ से दिया जाता है उनसे कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता है पूरी सुविधा उनके लिए निशुल्क होती है जिसमें वह 7 दिन तक मंदिर के अंदर रह सकते हैं सुबह शाम उनको खाने में सब्जी और रोटी के लिए आटा दिया जाता है रोटी बनाने के लिए वहां पर गैस और चलो की पूरी अवस्था है जिसे मरीज के साथ आए हुए यात्री आराम से खाना बना सकते हैं
अभी का नियम
बुटाटी धाम संत श्री चतुरदास जी महाराज का मंदिर मैं जो भी यात्री या आते हैं उन सभी को मंदिर की तरफ से खाने और रहने की व्यवस्था दी जाती लेकिन अभी कोरोना के चलते मंदिर के अंदर की सारी व्यवस्था अभी बंद कर दी गई है जिसकी वजह से आने वाली यात्री को रहने और खाने की व्यवस्था स्वयं ही करें
Boon for paralysis patient
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